Tuesday, December 13, 2011

कविता..

चंद शब्दो का शब्द जाल नही..
किसी के दिल का हाल है कविता..

कभी बीता कल किसी का
कभी नया एक ख़याल है कविता..

देती जवाब कई सवालो का कभी..
ओर स्वयं एक सवाल है कविता...

तलवारो से तेज़ी है कभी.
ओर कभी मजबूत ढाल है कविता..

सच से रूबरू करती कभी..
कभी बनती एक मायाजाल है कविता..

किसी की बेवफ़ाई की दास्तान ओर..
किसी की चाहतो की ताल है कविता..



चाँद शब्दो का शब्द जाल नही..
किसी के दिल का हाल है कविता..


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