जब सामने देखा
जो आईने मे
साया जो नज़र आया है
जाना पहचाना है कुछ ये
गिर कर उठने की अदा से
वजूद खोया हुआ पाया है
है अनुभव ज़िंदगी
का ये हसीन
वक्त ने बड़े नाज़ो से सिखाया है
भूल गया था जो
मैं खोकर किसी को.
नसीब ने वापिस याद दिलाया है
यकीन नही था कभी
अपनी इस तकदीर पर
आख़िर साथ आज उसने भी निभाया है
जो आईने मे
साया जो नज़र आया है
जाना पहचाना है कुछ ये
गिर कर उठने की अदा से
वजूद खोया हुआ पाया है
है अनुभव ज़िंदगी
का ये हसीन
वक्त ने बड़े नाज़ो से सिखाया है
भूल गया था जो
मैं खोकर किसी को.
नसीब ने वापिस याद दिलाया है
यकीन नही था कभी
अपनी इस तकदीर पर
आख़िर साथ आज उसने भी निभाया है
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