1)
जब नीली आँखो का सागर
खींचता अपनी ओर हर लहर के साथ...
कदम जम जाते है ..
आख़िर कभी इनमे डूबने की चाह रखने वाला
आज काश्तियों के सहारे किनारे खोजा करता है...
2)
अजनबी है हसीन वादियाँ यहाँ यो
जो दिल खोल कर बात नही करती दो पल के लिए भी..
एक मिट्टी है मेरे देश की..
जहाँ पतझड़ भी हंसते हुए निकल जाता है,...
जब नीली आँखो का सागर
खींचता अपनी ओर हर लहर के साथ...
कदम जम जाते है ..
आख़िर कभी इनमे डूबने की चाह रखने वाला
आज काश्तियों के सहारे किनारे खोजा करता है...
2)
अजनबी है हसीन वादियाँ यहाँ यो
जो दिल खोल कर बात नही करती दो पल के लिए भी..
एक मिट्टी है मेरे देश की..
जहाँ पतझड़ भी हंसते हुए निकल जाता है,...
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