Friday, December 2, 2011

मुलाकात

महफ़िलो का दौर था.. जब उनसे नज़र लगी..

हुई तेज धड़कने दिलो की.. एक अजीब से कसक जगी..

आँखो मे था नशा उनके ओर जानी पहचानी सूरत लगी,,

उलझ गया अंजान सवाल मे की ..दिल्लगी है या दिल की लगी..

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