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Monday, December 26, 2011

अभी तो मुझे बहुत दूर जाना है..

ज़िंदगी का यूँ साथ निभाना है..
अभी तो मुझे बहुत दूर जाना है..

वादे किए थे किसी से जो..
अभी तो मुझे उनको निभाना है..

चला था जब घर से कल
देखा था एक सपना किसी के पलको पर

थाम कर रखना है उसे आँखो मे
उस सपने को अभी पूरा कर दिखना है..

कैसे थम जाऊ अभी से..
कर्ज़ है अभी बाकी कुछ मुझ पर

मिला है जो अब तक इस ज़िंदगी से
अभी उस का एक मोल चुकाना है..


ज़िंदगी का यू साथ निभाना है..
अभी तो मुझे बहुत दूर जाना है..

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