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Friday, March 29, 2013

ग़ज़ल लिखु.. कहानी लिखु..


ग़ज़ल लिखु.. कहानी लिखु..
या मेरी सांसो की कोई रवानी लिखु...
या तेरे इश्क़ के सजदे मे गुजरती..
तन्हा पलो की ये ज़िंदगानी लिखु...

शाम लिखु.. चाँदनी लिखू..
या मेघो का बरसता पानी लिखु...
सदियो से गुज़रते हुए ये दिन लिखु..
या सपनो की एक मुलाकात बेगानी  लिखु...

लिख दूं इन आँखो के समंदर की गहराई को..
लिख दू यादे संग लाने वाली पुर्वायी को...
पल पल मजबूत होता एक विश्वास लिखु या
लिख दू सुबह की उस मीठी अंगड़ाई को..

खुद से जुदाई की दास्तान लिखु..
कलम की ज़ुबान से दिल का ब्यान लिखु..
जो मिल कर बुन रहे है सपने अपने
उन सपनो की एक खोई हुई ज़ुबान लिखु..

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