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Monday, December 12, 2011

वक़्त है तू मेरा गुज़रा हुआ..

वक़्त है तू मेरा गुज़रा हुआ..
बसा लिया तुझको मेरी यादो मे

छुपा के रखा है तुझको ऐसे.
गुलाब रखते है जैसे किताबो मे..

नाम सुनके तेरा किसी के लफ़ज़ो मे
आता है एक तूफान जैसे मेरी सांसो मे..

कोशिश करता सुनने की तेरी आवाज़ फ़िज़ा मे.
मुलाकात होती रोज़ तुझसे मेरे ख्वाबो मे..

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