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Friday, December 9, 2011

वापसी

कहते है वो हम फिर से मिल जाए..
जहाँ बिछड़े थे अभी तो हम वहीं है.
समझाता उनको मे बदले हुए रिश्तो को..
कि अब मैं भी मैं नही ओर तू भी तू नही है..


प्यार के गीत वो अब पुराने है..
मिट चुके वो बेकार जो अफ़साने है..
आप बात करते हो दिल म्व बसी मोहब्बत की..
पर हमारे लिए तो आप कब से बेगाने है..


दुहाई ना देना तुम मोहब्बत की..
हँसी अपनी ना रोक पाऊँगा..
कैसे जवाब दोगे तुम मेरे सवालो को..
कहानी तन्हा पल की जब तुम्हे बताऊँगा


नही है कोई ओर ज़िंदगी मे माना..
पर यकीन तुम पर अब आता नही है..
कसमे दो तुम मोहब्बत की कितनी भी
पर दर्द दिया जो तुमने वो जाता नही है..


तनहा रहा है हमेशा..
ओर ज़िंदगी तुम बिन ही निकल जाएगी..
पर पकड़ा हाथ जो मोहब्बतो का..
किस मोड़ पर जाने उंगली अंजान की फिसल जाएगी..

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